Sunday, November 15, 2009

इस मिट्टी और इस ज़मीन को पुजते हो तो इसमें दफ़न क्यौं नही हो जातें..!!!! If You Worship This Country This Soil So Why You Not Graved In This Soil???

मैनें अपने पिछ्ले लेख "एक भी भारतीय मुस्लमान देशभक्त नही है" में मुस्लमानों के "वन्दे मातरम" ना गाने की वजह बताई थी मेरे उस लेख को पढकर मेरा एक बहुत करीबी दोस्त जो  "आगरा की शिवसेना ईकाई का सदस्य" है ये लोग अपने आप को देशभक्त और देशप्रेमी कहते है जबकि (मुझे आज तक इनमें कोई देशभक्त और देशप्रेमी नही मिला बल्कि शहर के सारे गुण्डे-बदमाश शिवसेना और बंजरग दल के सदस्य होते है)

बरहाल मेरा दोस्त जिसका मेरा साथ पिछले नौ सालों से है मुझसे झगडने लगा....कहने लगा की तेरी हिम्मत कैसे हुई ये सब लिखने की? जो "वन्दे मातरम" नही गा सकता वो अपने देश से प्यार नही करता। अगर इस देश में रहना है तो वन्दे मातरम गाना पडेगा वर्ना तुम गद्दार कह लाओगे और गद्दारों के लिये इस देश में जगह नही है तुम ये देश छोडकर जा सकते हों.......वगैरह वगैरह... (वही बातें जो इनके जैसे "कथित देशभक्त" लोग अकसर कहते है)



मैनें उसकी सब बातें सुनने के बाद उससे कुछ सवाल किये जो सुनने के बाद वो बगले झांकने लगा....उसके पास कोई जवाब नही था तो वो बात को अधुरा छॊडकर बगैर कोई जवाब दिये वहां से निकल गया....

वही सवाल मैं आप लोगों से पुछता हूं देखें आप लोगों में से शालीन तरीके से इसका जवाब कौन देता है...(इस्लाम और कुरआन को गाली दे वाले इससे दुर रहें)

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7 comments:

  1. उधर के आपके सवाल पढे जिन्‍हें पढकर आपका आगरा को दोस्‍त बगले झांकाने लगा, अब आपके सवाल पढकर इधर बलगिस्‍तान में बगलें झाकेंगें,
    यह चित्र वेदिक जी को दिखाने का भी है जिससे उन्‍हें पता लगे कि किसकी पूजा हुआ करेगी,

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  2. अगर आप वन्दे मातरम की वक़ालत करते हैं और साथ ही पूर्व जन्म में भी अकीदा रखते है तो यह पूर्ण रूप से परस्पर विरोधी विचारधारा होगी और यह संभव नहीं कि दोनों एक साथ लागू हो सकेंगे. कैसे ? आईये मैं बताता हूँ कि कैसे राष्ट्रवाद एक बुनियाद-रहित विचारधारा है, यदि आप पूर्वजन्म में विश्वाश रखते है तो यह संभव है कि आपका जन्म दोबारा मनुष्य के रूप में हो सकता है और हो सकता है कि आप भारत के अलावा दुसरे मुल्क में पैदा हो सकते हैं. मिसाल के तौर पे आप अगर आपके पिता जी या दादा जी दोबारा जन्म लेते हैं और अबकी बार वह अफगानिस्तान या पकिस्तान या चाइना आदि में कहीं जन्म लेते हैं तो क्या वह भारत के खिलाफ़ लडेंगे तो नहीं? क्या वह भारत से नफ़रत तो नहीं करेंगे?? ऐसा तो नहीं कि वे इस जन्म में तालिबान से मिलकर अपने प्यारे हिन्दोस्तान के खिलाफ़ आतंकी घटनाओं में तो लिप्त नहीं रहेंगे???

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  3. अगर आप वन्दे मातरम की वक़ालत करते हैं और साथ ही पूर्व जन्म में भी अकीदा रखते है तो यह पूर्ण रूप से परस्पर विरोधी विचारधारा होगी और यह संभव नहीं कि दोनों एक साथ लागू हो सकेंगे. कैसे ? आईये मैं बताता हूँ कि कैसे राष्ट्रवाद एक बुनियाद-रहित विचारधारा है, यदि आप पूर्वजन्म में विश्वाश रखते है तो यह संभव है कि आपका जन्म दोबारा मनुष्य के रूप में हो सकता है और हो सकता है कि आप भारत के अलावा दुसरे मुल्क में पैदा हो सकते हैं. मिसाल के तौर पे आप अगर आपके पिता जी या दादा जी दोबारा जन्म लेते हैं और अबकी बार वह अफगानिस्तान या पकिस्तान या चाइना आदि में कहीं जन्म लेते हैं तो क्या वह भारत के खिलाफ़ लडेंगे तो नहीं? क्या वह भारत से नफ़रत तो नहीं करेंगे?? ऐसा तो नहीं कि वे इस जन्म में तालिबान से मिलकर अपने प्यारे हिन्दोस्तान के खिलाफ़ आतंकी घटनाओं में तो लिप्त नहीं रहेंगे???

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  4. aur ho sakta hai, aur ho sakta hai ki SAWARKAR ka janm AJMAL KSAAB ke roop men hua ho... misal ke roop men to ho hi sakta hai

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  5. खान साहब मिसाल के रूप में तो आजकल काशिफ साहब का जन्‍म सलीम खान के रूप में हो रहा है misal ke roop men to ho hi sakta hai

    अवधिया चाचा
    जो कभी अवध ना गया

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