
प्रसिद्ध भारतीय मनोचिकित्सक ने इस्लाम अपनाया
यह खबर गुरुवार की है.गवाह बना है अर रियाद का दावत केंद्र.
डा. प्रियदर्शन यानी अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अरब न्यूज से कहा कि इस्लाम दुनिया का एकमात्र धर्महैजिसके पास सीधे अल्लाह के यहाँ से अवतरित किताब कुर'आन है.
उन्होंने कहा कि तुलनात्मक धर्मों के एक छात्र के रूप में उनका का मानना है कि अन्य धर्मों की पुस्तकों परमेश्वर की ओर से मानव जाति के लिए सीधे नहीं अवतरित हुयी हैं .उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान उसी प्रारूप और शैली में भी है, जिस प्रकार यह पैगंबर मुहम्मद (सल लल लाहो अलैहे वसल्लम ) को नाज़िल हुई थी .
डॉ. अब्दुल्ला लॉस एंजिल्स में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर हैं.
उन्होंने एक प्रसिद्ध तमिल फिल्म Karuthamma में अभिनय भी किया है. यह फिल्म भारत के कुछ दूरदराज के गांवों में नवजात शिशु [ लड़कियों] की हत्याओं पर केन्द्रित है.. फिल्म को उसके प्रोडक्शन के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था .
बहुत खूब.
ReplyDeleteउस पोस्ट का ट्रांसलेशन भी छापिये जिसमें बलबीर सिंह मो.आमिर बन गए.
main doosre dharm par ungli nahin uthata na hi meri adat aisi hai.lekin aakhair kya baat hai ki log rafta rafta islam ke ssaye me aa rahe hain.mere bridare watan dekhiye.
ReplyDeleteMasha ALLAH1 SUBAH SUBAH AAPNE BAHUT HI ACHCHI KHABAR DI HAI.
ya ALLAH hamein bhi aisi taufeeq de ki mere hathon log islaam qabool karen.bahut hi nice post.
ReplyDeleteSUBhan ALLAH! Kya baat hai! dekho bhaiyo, bahno aao aao islam tumhain bulata hai.
ReplyDeleteaamir bhai yaani kal k shivsaink ki khabar bhi insha ALLAH ham laayenge .hindi me bas kuch tasveeren mil jaayen.main aur bhi prmaan juta raha hun.warna aap zeeshaan bhi jaante hain biradare watan ko ..yun aap prmaan dijiye tab bhi maan ne ko taiyyar nahin hote hain.
ReplyDeleteaap ka shukriya.
bahoot khoob janaaab!!!
ReplyDeleteALLAH jise chahta hai hidayat deta hai...
जब अल्लाह किसी का मार्गदर्शन करना चाहता है तो उसका सीना इस्लाम के लिए खोल देता है। अल्लाह सब से महान है।
ReplyDeleteसफात जी से सहमत वाकई अल्लाह किसी का मार्गदर्शन करना चाहता है तो उसका सीना इस्लाम के लिये खोल देता है
ReplyDeleteबेहद पसन्द इस लिये वोट नम्बर 2
एक अच्छी जानकारी देने के लिए तालिब साहब का बहुत-बहुत शुक्रिया।
ReplyDeleteएक बार फिर साबित हो गया है कि हक चीज को कितना ही दबाया जाए वह खुद को साबित कर देती है। इस्लाम को चाहे कितना ही दबाया जाए या फिर षडय़ंत्र के साथ बदनाम किया जाए वह साबित कर देता है अपनी सच्चाई को। सच सच ही होता है और झूठ झूठ ही।
दूसरों के मनों को पढऩे वाले मनोचिकित्सक प्रियदर्शन ने इस्लाम के मन को भी अच्छी तरह समझा लिया और बन गए अब्दुल्लाह। मनोचिकित्सक कोई छोटी हस्ती नहीं होता। उसका इस्लाम अपनाना कम मायने नहीं रखता खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनको इस्लाम में सिर्फ कमियां ही कमियां नजर आती है। मेरे ब्लॉग पर ऐसी कई हस्तियों के इन्टरव्यू है जिन्होंने इस्लाम कबूल किया।
ReplyDeleteतालिब साहब अब तो हमें इस्लाम अपनाने वाले शिवसैनिकों की दास्तां जानने का इंतजार है। इंग्लिश पाठक को तो यह जानकारी मिल गई है अब तो हिन्दी पाठकों को भी जानना चाहिए कि बाबरी मस्जिद शहीद करने वाले शिवसैनिकों में दो मुसलमान हो गए। वे दोनों बेहद शर्मिंदा हैं अपने किए पर और एक हर साल नई मस्जिद बनवा रहा है तो दूसरा मस्जिदों की मरम्मत करवा रहा है। इन दोनों के घरवाले भी मुसलमान हो गए।
ReplyDeleteयह पढ़कर भी बड़ी हैरत हुई कि इन्हें परमेश्वर ने उस गुनाह के बदले कितनी बड़ी सजा दी। खैर अच्छी बात यह रही कि इन दोनों ने वक्त रहते पश्चाताप कर लिया।
ALLAH SE BEHTER HIDAYAT KON DE SAKTA HAI.
ReplyDeleteNICE POST