मुसलमानों की आबादी 1.57 अरब, मगरिबी मुल्कों (पश्चिमी देशों) में मुसलमानों की तादाद में भारी इज़ाफा, जर्मनी में मुसलमानों की आबादी लेबनान से अधिक, चीन में मुसलमान शाम (Syria) से अधिक
दुनिया में मुसलमानों की आबादी बढकर 1 अरब 57 करोड हो गई इसका मतलब यह है के दुनिया का हर चौथा इन्सान मुसलमान है।
पूरी दुनिया में अमरिका, इसाईयों और यहूदियों ने इस्लाम को बदनाम करने की जो मुहिम आरम्भ की थी उसका उल्टा असर हुआ और पूरी दुनिया में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। यह सर्वे रिपोर्ट किसी मुस्लिम संस्था की नहीं है बल्कि "प्यू फोरम ऑन रिलिजन एण्ड पब्लिक लाइफ" (PEW FORUM ON RELIGION AND PUBLIC LIFE) नामक संस्था की है. रिपोर्ट में कहा गया है के मुसलमानों की आबादी में उम्मीद से भी अधिक वृद्धि हुई है. यह तादाद एक अरब 80 करोड तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ हैरत की बात यह है के लेबनान से अधिक मुसलमानों की आबादी जर्मनी में हो गई है। शाम से अधिक मुसलमानों की आबादी चीन में हो गई है। अर्दुन और लिबिया में मोजूद मुसलमानों की आबादी से अधिक मुसलमान रूस में रहते हैं। ऐथोपिया में मुसलमानों की आबादी लगभग अफगानिस्तान के मुसलमानों की आबादी के बराबर हो गई है।
परिंस्टन युनिवर्सिटि के जमाल का कहना है के अब यह तथ्य गलत साबित हो रहा है के अरब का मतलब मुसलमान और मुसलमान का मतलब अरब है। परिंस्टन युनिवर्सिटि के अफसरान का कहना है के इसाईयत के बाद इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बडा धर्म है। दुनिया में ईसाइयों की मजमूई तादाद 2 अरब 10 करोड से 2 अरब 20 करोड है। दुनिया के 232 मुल्कों में मुसलमान आबाद हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है के दुनिया में मुसलमानों की जो आबादी है उनमें से शिया मुसलमानों की आबादी 10 से 13 प्रतिशत है उनमें भी 80 प्रतिशत शीया दुनिया के केवल 4 मुल्कों इरान, पाकिस्तान, हिन्दुस्तान और इराक में रहते हैं।
मुसलमानों की आबादी के मामले में एशिया ने अरब दुनिया को पीछे छोड दिया है। सर्वे के मुताबिक दुनिया के 60 प्रतिशत मुसलमान एशिया में रहते हैं। जबके मशरीकी वस्ता और शिमाली अफरीका में केवल 20 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं। सहारत अफरीका में 15 फीसद, युरोप में 2.4 प्रतिशत, अमरिका में .3 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक़ मुसलमानों की बडी तादात अकल्लियत बनकर रहती है, 317 मिलियन मुसलमानों उन मुल्कों में रहते हैं जहां इस्लामी हकूमत नहीं है। ऐसे मुसलमानों की 3 चोथाई आबादी हिन्दुस्तान ; 16 करोड 10 लाख ऐथोपिया ; 2 करोड 80 लाख चीन, 2 करोड 20 लाख रूस ; एक करोड 60 लाख तन्जानिया आदि है। हिन्दुस्तान दुनिया में मुस्लमानों की आबादी के ऐतबार से तीसरा मुल्क है जहां सबसे अधिक मुस्लमान हैं, जबके हिन्दुस्तान में मुसलमानों की आबादी 13 प्रतिशत है।
रिपोर्ट पर एक नजरः
वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया आने ईश्वर के इस सत्य सनातन धर्म जिसको अरबी में इस्लाम कहते हैं. को अपना लेगी.
ReplyDeleteBUJHE CHIRAG KITNEY HI HON KYA FARQ PADTA HAI
ReplyDeleteCHIRAG VO JO KHUD JALKAR ROSHNI AATA KARTA HAI
DUNIYA MEIN KITNEY MUSLIM KITNEY GAIR MUSLIM KOI DILCHSPI NAHIN ... KAHIN INSANO KI AABADI MEIN KOI IZAFA HUA HO.. BAS UTNE SE TAALUQ RAKHTEY HAIN..
इस जानकारी में यह कितनी अच्छी बात आयी है कि ''अब यह तथ्य गलत साबित हो रहा है के अरब का मतलब मुसलमान और मुसलमान का मतलब अरब है। परिंस्टन युनिवर्सिटि के अफसरान का कहना है के इसाईयत के बाद इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बडा धर्म है।''
ReplyDeleteहमें इस लेख को यहां इंग्लिश में और अध्ययण करना चाहिये
Report: Muslim population hits 1.57 billion
Nearly 1 in 4 people in the world practice Islam; most live in 10 countries
http://www.msnbc.msn.com/id/33226662/
माशा अल्लाह, सुब्हान अल्लाह, अल्लाह तेरी शान निराली
ReplyDeleteइस रिपोर्ट में कहीं ना कहीं छेद है, यह अमरिका की साजिश है,
ReplyDeleteइसमें प्रसन्न होने की कौनसी बात है?
ReplyDeleteanjuman azuman me kon sa word theek he
ReplyDeleteGood Post
ReplyDeleteमैं उस समय की प्रतीक्षा करूंगा जब कठमुल्ले धर्म दुनिया से खत्म होगें और और मानवता का एक नया धर्म वजूद में आयेगा !
ReplyDeleteTo
ReplyDeleteMr. Arvind Mishra
अब नया कोई धर्म इस दुनिया मै नही आयेगा
ऒर इंसानियत के लिये सबसे बेहतरीन मज़हब
इस्लाम है , लेकिन कुछ लोग या तो इस्लाम को
जानते ही नहीं, या जानना ही नहीं चाहते
मेरी दुआ है, कि ख़ुदा आपको मानवता के धर्म की
समझ दे, मैं अपनी ओर से आपको मानवता के सच्चे धर्म
की दावत देता हूं ।
@ a.u.siddiqui का मिश्रा जी को जवाब देने का धन्यवाद, देखें अब Arvind Mishra जी की तरफ से क्या जवाब आता है,
ReplyDelete@खान साहब क्या अन्जुमन की पोस्ट पर जवाब देने का अधिकार मेरे पास सुरक्षित है? या फिर siddiqui साहब से कहा जाये के हम लोग तो हाथ बांधे बैठे हैं, आप जवाब दे दिया करें,
बहुत सुंदर पोस्ट
ReplyDeleteबहुत बेहतर जानकारी
ReplyDeleteयह तादाद इसलाम की सच्चाई को ही तो बयां करती है
क्या यह हेरत की बात नहीं है की जिस मजहब को दुनियाभर में बदनाम किया जा रहा हो इसके मानने वालों की तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है!
इसका सीधा सीधा जवाब है सच्चाई को साबित करने की जरूरत नहीं पड़ती वोह अपना असर छोड़ती ही है जेसा की इसलाम अपना असर छोड़ रहा
@shyam1950
ReplyDeleteबुझे चिरागों से दूसरा चिराग नहीं जला करता है
रोशन चिराग ही दूसरों को रोशन किया करते हें
इस्लाम वो रोशन चिराग है जिसके दिल में भी जलता है उसके जीवन में उजिआरा कर देता है
यकीन न हो तो आज़माकर देख लो
mujhe lagta tha hindi blogs aur hindi akhbaron men is khabar ka sarsari zikar kiya gaya,,kiya aisa nahin tha?
ReplyDeletegr8
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