‘‘फिजिकल कल्चर’’ में ड़ाक्टर एनीरिले हैल ने लिखा है कि फ़ेफ़ड़ों की टीबी के लिए मरीज़ को बीस-पच्चीस दीन रोज़े रखवाकर जांच की जाए तो टीबी के बैक्टीरिया ( जीवाणु ) पूरी तरह खत्म हो जाते हैं।
रोज़े की हालत में नज़ला, ज़ुकाम, टांन्सिलाइटीज़, दमा, बवासीर, एग्ज़ीमा और ड़ाइबीटीज़ जैसे ख़तरनाक रोगों में करिश्माई फ़ायदा पहंुचता है।
रोज़े ना सिर्फ़ आखि़रत की कमाई है बल्कि मौजूदा ज़िन्दगी में भी ये बेशुमार मर्ज़ों का इलाज है।रमज़ान के रोज़े के बेशुमार फ़ायदों में से एक बहुत बड़ा फ़ायदा यह भी है कि इससे दिल साफ़ होता है और अल्लाह से करीबी हासिल होती है। ग़रीबों पर रहम आता है। भूखे को देखकर दिल में हमदर्दी पैदा होती है।
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aapne sahi jankari di... shukriya...
ReplyDeleteआपने सही कहा... रोज़ा कई बिमारियों को स्वतः दूर कर देता है...
ReplyDeleteउचित समय पर बेहतरीन लेख, हमारी अन्जुमन मैं आप जानते हैं ही हैं सब रोजेदार हैं, इन रोजे के लाभों से हम सब वाकिफ हैं, दुआ है कि अन्जुमन के द्वारा अधिक जनमानस तक यह बाते पहुंचे जिससे वह भी लाभान्वित हो सके, आमीन
ReplyDeleteबेशक़!!रोज़ा, हर बिमारी का ईलाज है। साथ में रोज़दार अपने आपको ख़ुदा के नज़दीक भी महसूस करता है। जैसे रोज़दार को लाज़मी हो जाता है कि वो पाँच में से एक वक़्त की नमाज़ भी छोडेगा नहिं।
ReplyDeleteबढिया पोस्ट। शुक्रिया।
बहुत जरूरी आलेख. शुक्रिया आपका.
ReplyDeletenarayan narayan
ReplyDeleteजानकारी के लिये आभार ।
ReplyDeleteBahut Barhia... aapka swagat hai... isi tarah likhte rahiye
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