Wednesday, September 16, 2009

इस्लाम का अध्ययन क्यूँ करें? Why ISLAM???

इस्लाम सम्पूर्ण मानव जाति के लिए ईश्वर का परम उपहार हैं परन्तु न जानने का कारण लोग तुरन्त इस्लाम को दोषित ठहराने लगते हैं।
"हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वह क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता"
वास्तविकता यह है कि हम सदैव नकारात्मक सोचते हैं जिसका परिणाम है कि हमारे देश में नफरत फैल रही है हमारा ज्ञान एक दूसरे के प्रति सुनी-सुनाई बातों दोषपूर्ण-विचार तथा काल्पनिक वृत्तातों पर आधारित है
भई! इस्लाम तो सारे मानव का धर्म है; यह सनातन धर्म है इसी के अन्तिम दूत कल्कि अवतार हैं जब तक इस्लाम का सकारात्मक अध्ययन न होगा हमारे हृदय से घृणा भाव समाप्त नहीं हो सकती। इसी उद्देश्य के अंतर्गत हमने इस्लाम के सकारात्मक परिचय की प्रयास की है। हमारी आशा है कि हमारे देशवासी विशाल हृदय से इस्लाम का अध्ययन करें

मैं कहता हूं कि जब इस्लाम का अर्थ ही होता है शान्ति, उसके अन्तिम दूत (कल्कि अवतार) मुहम्मद सल्ल0 सम्पूर्ण संसार के लिए दयालुता है तथा उन्होंने अपनी 63 वर्ष की जीवनी में सिद्ध कर दिया कि इस्लाम वास्तव में संसार के लिए शान्ति संदेश है।आपके प्रवचनों में आता है कि ( यदि किसी ने किसी गैरमुस्लिम की अकारण हत्या कर दी तो वह प्रलय के दिन स्वर्ग की सुगन्ध भी न पा सकेगा) उसी प्रकार क़ुरआन के हर अध्याय का आरम्भ ही इस श्लोक से होता है (आरम्भ करता हूं ईश्वर के नाम से जो बड़ा कृपाशील तथा दयावान है) तो फिर आप इस्लाम पर यह आरोप कैसे लगा सकते हैं कि यह धर्म आतंक फैलाता है।
इस्लाम ही तो सम्पूर्ण संसार का धर्म हैइसी में सारे मानव की मुक्ति है और कोई धर्म मुक्ति का साधन है ही नहीं । बस आवश्यकता है कि आप इस्लाम के सम्बन्ध में पढ़ कर देखें
-सलीम खान

6 comments:

  1. इस बात से सहमति है कि इस्लाम की शिक्षाएँ महत्वपूर्ण हैं। उन का अध्ययन तात्कालिक ऐतिहासिक और सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिए जब इस्लाम का उदय हुआ और उस ने ऐतिहासिक रूप से प्रगतिशील भूमिका अदा की।

    यदि इस्लाम अन्य धर्मों के साथ बैर भाव न रखते हुए सहअस्तित्व को अपनाए तो वह दीर्घ काल तक जिएगा।

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  2. इस्लाम का अध्ययन बहुत जरूरी है और यह 'क्रिटिकल दिमाग' से होना चाहिये। इससे निम्नलिखित लाभ होंगे-

    १) विश्व में शान्ति स्थापित करने के लिये - जब तक रोग का कारण (जड़) नहीं सनझोगे तबतक रोग से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।

    २) विश्व सभ्यता को 'संगठित मजहब' से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी

    ३) यह सिद्ध करने के लिये कि एक घटिया मजहब कम्प्यूटर और अंतरिक्ष के युग में भी लोगों को कैसे आदिम युग में बनाये रख सकता है।

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  3. अनुनाद सिंह! आज से नहीं बल्कि एक युग से कुछ लोग इस्लाम का विरोद्ध कर रहे हैं और यह लोग उन जातियों में से हैं जिन्हों ने इस्लाम का निष्पक्ष हो कर अध्ययन नहीं किया।
    आज भी यदि लोग इस्लाम को विशाल हृदय से पढ़ें तो वह अवश्य समझ जाएंगे कि यह तो मेरी चीज़ है जिस से आज तक अनभिज्ञ थे। बस आवश्यकता है कि जो लोग इस्लाम को नहीं जानते- और वास्तव में नहीं जानते हैं, तब ही तो उसका विरोद्ध करते हैं- वह सब एक बार अवश्य इसका अध्ययन करके देखें। मेरे यही प्रार्थना होगी। भई इस्लाम अन्य धर्मों के जैसे नहीं यह आपके ईश्वर का उवतरित किया हुआ अन्तिम संदेश है। जिस प्रकार हवा और पानी का प्रयोग करते हैं उसी प्रकार इसका भी प्रयोग करना आपका कर्तव्य है।

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  4. अनुनाद सिंह! आज से नहीं बल्कि एक युग से कुछ लोग इस्लाम का विरोद्ध कर रहे हैं और यह लोग उन जातियों में से हैं जिन्हों ने इस्लाम का निष्पक्ष हो कर अध्ययन नहीं किया।
    आज भी यदि लोग इस्लाम को विशाल हृदय से पढ़ें तो वह अवश्य समझ जाएंगे कि यह तो मेरी चीज़ है जिस से आज तक अनभिज्ञ थे। बस आवश्यकता है कि जो लोग इस्लाम को नहीं जानते- और वास्तव में नहीं जानते हैं, तब ही तो उसका विरोद्ध करते हैं- वह सब एक बार अवश्य इसका अध्ययन करके देखें। मेरे यही प्रार्थना होगी। भई इस्लाम अन्य धर्मों के जैसे नहीं यह आपके ईश्वर का उवतरित किया हुआ अन्तिम संदेश है। जिस प्रकार हवा और पानी का प्रयोग करते हैं उसी प्रकार इसका भी प्रयोग करना आपका कर्तव्य है।

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  5. यदि किसी ने किसी गैरमुस्लिम की अकारण हत्या कर दी तो वह प्रलय के दिन स्वर्ग की सुगन्ध भी न पा सकेगा||

    यहाँ कारण/अकारण का क्या भेद है। क्या आप इसे स्पष्ठ करेंगे?
    कैसे कोई धर्म हत्या जैसे कर्म को वाजिब ठहरा सकता है? आप इस्लाम की उस सनातन धर्म से तुलना कर रहे हैं,जिसमें कारण/अकारण का भेद किए बिना ही मनुष्य तो क्या अपितु कीट-पतंगे,पशु-पक्षी इत्यादि जीवों के प्रति भी किसी भी प्रकार की हिँसा(हत्या तो बहुत दूर की बात है)को भी नर्कगामी कृ्त्य बताया गया है।

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  6. वत्स जी,

    मिसाल के तौर पर मैं आपको बताना चाहता हूँ कि 'अगर कोई आपके परिवार के लोगों को जान से मार देता है.... तो उसकी सज़ा क्या होगी??? मेरे हिसाब से आप सज़ा-ए-मौत से कम की डिमांड तो कर ही नहीं सकते...

    बस यही काफ़ी है यह बताने के लिए अकारण हत्या क्या है. कारण सहित हत्या क्या है?

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