Monday, September 28, 2009

कुरआन क्या कहता है सूरज के बारे में

सूरज भी गुलाम है परमेश्वर का


7 comments:

  1. हम कुछ समझे नहीं... जरा खुल के बता.. ये मितवा ...

    पहली बार आया आपके ब्लॉग पर बहुत ही धांसू लिखते है आप पुरे ब्लॉग जगत पे छा जायोगे ऐसा लगता है मुझे...

    स्वागत है... आइये हमारे चाय की दुकान पर कभी...

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  2. गणेश प्रसाद जी !
    कहना यह चाहते हैं कि क़ुरआन ईश्वर की सत्य वाणी है किसी मानव की रचना नहीं। इसका एक प्रमाण यह आयत है कि सूर्य जिसकी आज लोग अज्ञानता में पूजा करते हैं, क़ुरआन के अनुसार वह भी ईश्वर के अधीन है, ईश्वर ने उसके लिए जो ठिकाना तै कर दिया है उसी का वह पाबंद है। तथा चंद्रमां के लिए जो ठिकाने निर्धारित कर दी है उसी पर चल रहा है। आगे फरमाया कि न तो सूर्य के बस में है कि वह चंद्रमा को जा पकड़े और न रात दिन पर बरीयता ले जा सकती है सब अपने अपने ग्रह पर परिभ्रमण कर रहे हैं।
    पता चला कि इसमें एक वैज्ञानिक तथ्य को सिद्ध किया गया है।
    इसी लिए कुरआन ने दूसरे स्थान पर कहा ईश्वर के वजूद की निशानियों में से रात और दिन,सूर्य एवं चंद्रमा हैं। तुम सूर्य एवं चंद्रमा की पूजा मत करो बल्कि उस ईश्वर की पूजा करो जिसने उन दोनों को बनाया है। (कुरआन फुस्सेलत 37)

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  3. सारी दुनिया प्रकृति के नियमों से बंधी है, कोई नहीं जो उन को तोड़ सके।

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  4. suraj chaand taare ped paudhe insaan sab ALLAH ke banaye hain...

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  5. कम शब्‍दों में बडी बात,बहुत खूब
    चाय वाले के खेरियत मैं पूछने जाउंगा, नकली दूध यह लोग बहुत पिलाते हैं पब्लिक को, असली माल किया होता है यह इसे आज पता चल जायेगा, इन्‍शाअल्‍लाह (अगर अल्‍लाह ने चाहा)

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  6. बहुत ही बढ़िया सन्देश, यही सत्य है, सूरज ही नहीं संसार की सारी चीज़ें, स्वयं इंसान भी गुलाम है. वही है जिसने सब कुछ बनाया.

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