Thursday, September 24, 2009


4 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति. कुर-आन की इस आयत को चित्र के ज़रिये से इतनी सुन्दरता से प्रर्दशित करने का आपका बहुत बहुत शुक्रिया. वास्तव में कुर-आन में उन सभी बातों का ज़िक्र हैं जो प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक पहलूवों के लिए बेहद ज़रूरी हैं और जिन पर अमल कर इंसान उच्चकोटि की इंसानियत का नमूना बन सकता है.

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  2. मेरी तो आपसे गुजारिश है अगर आपके पास इस तरह की और भी तस्वीरें हों, तो उसे भी पोस्ट किया करें. यह बेहद खुबसूरत तस्वीर है.

    सारी तारीफ़ें अल्लाह के लिए हैं.

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  3. जनाब आपको उपर एक दो लाइन लिखनी चाहिये चाहे वह रोमन में ही क्‍यूं ना हों, ब्लागवाणी पर खाली पब्लिश हुआ यह लिंक, बहुत शर्म आई वह देखकर मुझे, दूसरे कया समझेंगे, हमारी अन्‍जुमन वाले अनाडी हैं

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  4. जी हाँ ! यह है क़ुरआन का चमत्कार। वह क़ुरआन जो ईश्वर की वाणी है जिसने आज से साढ़े चौदा सौ वर्ष पूर्व मधुमक्खियों के जीवन की यह कहानी सुनाई कि उसके पेट से वह पेय निकलता है जिसमें वीमारों के लिए शिफा है।

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