आज विश्व हदय दिवस है। इस मौके पर पेश है इस्लाम में दिल संबंधी दी गई कुछ हिदायतें-अल्लाह का डर रखो। निसन्देह अल्लाह दिलों तक की बातें जानता है। कुरआन ५:७
जिसे अल्लाह सीधे रास्ते पर लाना चाहता है,उसका दिल ईश्वरीय आदेशों के लिए खोल देता है और जिसे पथभ्रष्ट करना चाहता है,उसके दिल को तंग कर देता है। कुरआन-६:१२५
ताकि जो लोग परलोक को नहीं मानते,उनके दिल शैतान की ओर झुके और वे उसे पसंद कर लें और जो कमाई उन्हें करनी है कर लें। कुरआन-६:११३
ए लोगों तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से नसीहत आ चुकी है,और दिलों की बीमारियों की दवा और आस्था रखने वालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता। कुरआन-१०:५७
अल्लाह जानता है जो कुछ तुम लोगों के दिलों में है और अल्लाह जानने वाला और सहनशील है। कुरआन-३३:५१
अल्लाह ही है जिसने ईमान वालों के दिलों को सुकून पहुंचाया ताकि उनका ईमान और बढ़ जाए। कुरआन-४८:४
जो दिलवाला है या कान लगाकर दिल से सुनता है, उसके लिए इन बातों में शिक्षा है। कुरआन-५०:३७
जो कोई अल्लाह पर ईमान लाए,वह उसके दिल को राह दिखा देगा। और अल्लाह हर चीज को भलीभाति जानता है। कुरआन-६४:११
सुन लो अल्लाह के स्मरण से ही दिलों को इत्मीनान हासिल होता है। कुरआन-१३:२८
दिल और हदीस
अल्लाह से बहुत ज्यादा दूर वे लोग हैं जो सख्त दिल वाले हैं। हदीस- तिर्मिजी
मुहम्मद सल्ल़ दुआ मांगते- ए दिलों को पलटने वाले अल्लाह, मेरे दिल को अपनी आज्ञापालन पर जमा दे। हदीस-हुसने हसीन
आप सल्ल ने दिलों पर लगी जंग और नापाकी को दूर करने का तरीका यह बताया-
मौत को अक्सर याद करो और कुरआन पढ़ते रहो। हदीस-बैहकी फी शिबउल ईमान
यतीम के सिर पर हाथ फेरा करो और दरिद्र को खाना खिलाया करो इससे तुम्हारा दिल नरम होगा। हदीस अहमद
जिस आदमी के दिल में जर्रा बराबर भी गुरूर और घमण्ड होगा,जन्नत में नहीं जाएगा। हदीस बुखारी
दिल के दिन पर दिल की बातें आपही कर सकते थे, दिल पर कुरआन और हदीस से बहुत अच्छी मिसालें पेश की हैं , परन्तु यह नहीं समझ पा रहा कि यह हदीसे अहमद का किया मतलब है, किया वह अहमदीयों की हदीसें जिनके लिये मेरे ब्लाग पर ''कादयानियत की हकीकत' नामी किताब है, वेसे मेरा अनुमान है कि मुहम्मद साहब का एक नाम अहमद है यह वह होगा, वजाहता चाहुंगा
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया लेख. इस्लाम में दिल के बारे में जो कुछ बाते बताईं गयीं हैं वह दिलों में मौजूद काले धब्बों को धुल सकती हैं बशर्ते कोई उसको दिल और दिमाग से समझ सके..अल्लाह जिसको चाहता है हिदायत देता है...
ReplyDeleteइस्लामिक वेबदुनियाँ का आभार, इतनी अच्छी पोस्ट हेतु. इसी तरह आप हमारी अंजुमन के कारवां को आगे बढाते रहें.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया लेख पढ़ा तो अच्छा लगा और अच्छा लगा आपका यह प्रयास. आपमें सकारात्मक उर्जा है.
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बेहतरीन लेख, आभार आपका...
यहां दिल का अर्थ anatomical heart नहीं अंतर्आत्मा (conscience)से है।
"जिस आदमी के दिल में जर्रा बराबर भी गुरूर और घमण्ड होगा,जन्नत में नहीं जाएगा।"
यह गुरूर किसी भी चीज का नहीं होना चाहिये...Ego less स्थिति है यह...
दिल से सम्बन्धित शिक्षाओं को मुनासबत से बड़े अच्छे रूप में पेश परने पर बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख है । धन्यवाद
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